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हँस हँस के जाम जाम को छलका के पी गया
और तो कोई बस न चलेगा हिज्र के दर्द के मारों का
दिया जब जाम-ए-मय साक़ी ने भर के
क्या याद कर के रोऊँ कि कैसा शबाब था
I Pack My Bag And Leave Behind
Are You Still Here
My Heart Is A Welcome Mat
तुम से दो हर्फ़ का ख़त भी नहीं लिक्खा जाता
पंख लगाता है मन
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